Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2023 · 1 min read

#विभाजन_विभीषिका_स्मृति_दिवस

#विभाजन_विभीषिका_स्मृति_दिवस
_________________________
याद करो वह बदनसीब दिन, घर में हुए पराए (देशभक्ति गीत)
————————————–
याद करो वह बदनसीब दिन, घर में हुए पराए
1)
यह चौदह अगस्त सैंतालिस, वाला दिन काला था
भारत के हिस्से को भारत, कहने पर ताला था
अब यह भारत नहीं तुम्हारा, कहते हिंसक आए
2)
यह था पाकिस्तान जहॉं हम, जय-भारत कहते थे
जहॉं भक्ति भारत की भरकर, अनगिन मन रहते थे
कैसे कहें मातरम् वंदे, देश विरोधी छाए
3)
पाकिस्तान अर्थ है इसका, ठेठ गुलामी लादी
भारत का भूभाग किंतु कब, मिली हमें आजादी
सदियों से हम रहने वाले, फिरते जान बचाए
4)
हमको मिले शिविर शरणार्थी, तन को भूखा ढोते
हम क्षत-विक्षत शव अपनों के, देख-देख कर रोते
यह बॅंटवारा था हम जिसमें, लुटे-पिटे कहलाए
याद करो वह बदनसीब दिन, घर में हुए पराए
———————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

1 Like · 1 Comment · 453 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

दिल में एहसास
दिल में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
खता खतों की नहीं थीं , लम्हों की थी ,
खता खतों की नहीं थीं , लम्हों की थी ,
Manju sagar
इश्क समंदर
इश्क समंदर
Neelam Sharma
मेरी प्रेरणा
मेरी प्रेरणा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सारथी
सारथी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
वसीयत
वसीयत
MEENU SHARMA
नमन उस वीर को शत-शत...
नमन उस वीर को शत-शत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जख्म
जख्म
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
🙅समझ सको तो अच्छा🙅
🙅समझ सको तो अच्छा🙅
*प्रणय प्रभात*
मेरी खुशियों की दिवाली हो तुम।
मेरी खुशियों की दिवाली हो तुम।
Rj Anand Prajapati
गांव की याद
गांव की याद
Punam Pande
स्वयंभू
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बदल चुका क्या समय का लय?
बदल चुका क्या समय का लय?
Buddha Prakash
आँखें कुछ कहती हैं?
आँखें कुछ कहती हैं?
Nitesh Shah
नाम
नाम
vk.veena1576
Untold
Untold
Vedha Singh
स्मार्ट फ़ोन
स्मार्ट फ़ोन
अरशद रसूल बदायूंनी
"परिश्रम: सोपानतुल्यं भवति
Mukul Koushik
मै व्यस्त था..... ये तो केवल एक बहाना होता है, असल में कोई उ
मै व्यस्त था..... ये तो केवल एक बहाना होता है, असल में कोई उ
पूर्वार्थ देव
*कविवर रमेश कुमार जैन*
*कविवर रमेश कुमार जैन*
Ravi Prakash
खुद से
खुद से
पूर्वार्थ
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
पन्नाधाय
पन्नाधाय
Dr.sunil tripathi nirala
जिस यात्रा का चुनाव
जिस यात्रा का चुनाव
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कल मैं याद आऊँगा
कल मैं याद आऊँगा
gurudeenverma198
4947.*पूर्णिका*
4947.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
"दस्तूर-ए-हयात"
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
हर कोई समझ ले,
हर कोई समझ ले,
Yogendra Chaturwedi
"अहसास के पन्नों पर"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...