“मुक्तक”

“मुक्तक”
ये बताने में, सामाजिक हर्ज नहीं।
व्यक्तिगत उपवास, कोई पर्व नहीं।
निज स्वास्थ्य व स्वार्थ छिपा यहां;
ऐसे व्यक्ति के प्रति , हमें गर्व नहीं।
pk
“मुक्तक”
ये बताने में, सामाजिक हर्ज नहीं।
व्यक्तिगत उपवास, कोई पर्व नहीं।
निज स्वास्थ्य व स्वार्थ छिपा यहां;
ऐसे व्यक्ति के प्रति , हमें गर्व नहीं।
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