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3 Mar 2025 · 1 min read

अचानक!

अचानक!
बदलने लगता है
मन का मौसम
जब वे साथ चलते-चलते
अपनी हथेलियों में भर लेते हैं
कुछ खुरदुरी उॅंगलियाॅं!

वेदनाओं की पलकें बरसने लगती हैं
और..आशाओं की प्रतीक्षित प्रकृति
अपनी पूर्णता के साथ
मुस्कुरा उठती है!

रश्मि ‘लहर’

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