ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
ख़ाइफ़ है क्यों फ़स्ले बहारांँ, मैं भी सोचूँ तू भी सोच
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
डायरी मे लिखे शब्द निखर जाते हैं,
जो थे कल तक फूल वो आज काँटों में शुमार हो गये।
#धर्मराज 'युधिष्ठिर' का जीवन चरित्र
ग़ज़ल,,,,बच्चे शोर मचाते दिखते 🌹
खुद को रखती हूँ मैं निगाहों में
घृणा के बारे में / मुसाफ़िर बैठा
16. *माँ! मुझे क्यों छोड़ गई*
नायक कैसा हो? (छंदमुक्त काव्य )