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1 Mar 2025 · 1 min read

निशा के अवसान में एक दिन प्रभा का राज होगा,

निशा के अवसान में एक दिन प्रभा का राज होगा,
जर्जर विटप में एक दिन नव कोपलों का साज होगा,
भाल की रेखा अरे तू आज कितना भी मचल ले,
वेदना के गर्त में एक दिन सुखद आभास होगा।

अनामिका तिवारी अन्नपूर्णा ✍️

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