निशा के अवसान में एक दिन प्रभा का राज होगा,

निशा के अवसान में एक दिन प्रभा का राज होगा,
जर्जर विटप में एक दिन नव कोपलों का साज होगा,
भाल की रेखा अरे तू आज कितना भी मचल ले,
वेदना के गर्त में एक दिन सुखद आभास होगा।
अनामिका तिवारी अन्नपूर्णा ✍️
निशा के अवसान में एक दिन प्रभा का राज होगा,
जर्जर विटप में एक दिन नव कोपलों का साज होगा,
भाल की रेखा अरे तू आज कितना भी मचल ले,
वेदना के गर्त में एक दिन सुखद आभास होगा।
अनामिका तिवारी अन्नपूर्णा ✍️