शीर्षक :मैं गया जी बोल रहा हूँ

शीर्षक :मैं गया जी बोल रहा हूँ
सिद्धार्थ का तपस्यास्थल हूँ मैं,
महात्मा बुद्ध का ज्ञानस्थल हूँ मैं,
बौध्द-हिन्दू का तीर्थस्थल हूँ मैं,
मोक्षप्रदान का पुण्यस्थल हूँ मैं,
गयासुर का समाधिस्थल हूँ मैं,
श्री विष्णु का चरणस्थल हूँ मैँ।
मैं गया जी बोल रहा हूँ।।
श्राद्ध और पिंडदान का स्थान हूँ मैं,
संसार मे सबसे पवित्र महान हूँ मैं,
सृष्टि के प्रारम्भ का ठोस प्रमाण हूँ मैं,
पितरों को स्वर्ग भेजने का आयाम हूँ मैं।
मैं गया जी बोल रहा हूं।।
मृतकों का अंतिम संस्कारकर्ता हूँ मैं,
प्रेत-पिशाच योनि से मुक्तिकर्ता हूँ मैं,
पितृऋण से मुक्ति का युक्तिकर्ता हूँ मैं,
मानव के पापों का उद्धारकर्ता हूँ मैं।
मैं गया जी बोल रहा हूँ।।
माता मंगला का पूज्यस्थान हूँ मैं,
बंगला मुखी का विश्रामस्थान हू मैं,
प्रेतशिला,रामशिला ऊँचस्थान हूँ मै,
ब्रह्मयोनि का रमणीकस्थान हूँ मैं।
मैं गया जी बोल रहा हूं।।
फल्गु पर बसा पावन धाम हूँ मैं,
साहित्य व संगीत का स्थान हूं मैं।
मैं गया जी बोल रहा हूँ।।
नरेंद्र सिंह