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11 Feb 2025 · 1 min read

कोई तो है !

बातें , यादें , ख्यालातें ,
सब एक सा है।
वो खुले आसमां में ,
मेरा बंद दरवाजा है।
कोई तो है ,
जो मुझ सा है !

वहीं नर्मी, वहीं सख्ती,
तबियत भी है एक सी लगती।
एक ही नदी के हम दो कस्ती ,
साहिल एक अलग हस्ती ।
कोई तो है ,
जो मुझ सा है !

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