हिंदी दोहे – विमल

#हिंदी_दोहे विषय – #विमल
मानवता के नाम पर,#राना मिलें उसूल।
जहाँ विमल शुभ फूल है,उगते पास न शूल।।
मानवता खोजें कहाँ,और विमल मन फूल।
इनका दिव्य प्रकाश है,#राना चढ़े न धूल।।
सूरज चोरी कब हुआ,उजला दिव्य प्रकाश।
#राना ऐसा मन विमल,बना जगत में खाश।।
मन जब हो जाता विमल,निर्मल बहती धार।
पावन होती देह है,#राना इस संसार।।
नदी गंग रहती विमल,पावन माने लोग।
#राना करे नहान जब,कटते पातक रोग।।
**दिनांक -11-2-2025
✍️ – #राजीव_नामदेव “#राना_लिधौरी”
संपादक “#आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘#अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ