फैलाकर बाहें इंतजार ए मोहब्बत कायम रक्खा है
फैलाकर बाहें इंतजार ए मोहब्बत कायम रक्खा है
उसके लौट आने की गुन्जाईश बरकरार रक्खा है
शिव प्रताप लोधी
फैलाकर बाहें इंतजार ए मोहब्बत कायम रक्खा है
उसके लौट आने की गुन्जाईश बरकरार रक्खा है
शिव प्रताप लोधी