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10 Feb 2025 · 1 min read

फैलाकर बाहें इंतजार ए मोहब्बत कायम रक्खा है

फैलाकर बाहें इंतजार ए मोहब्बत कायम रक्खा है
उसके लौट आने‌ की गुन्जाईश बरकरार रक्खा है
शिव प्रताप लोधी

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