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10 Feb 2025 · 1 min read

एक बार सुन लो

बस एक बार सुन लो मेरे दिल की बात।
क्यूं बेचैन ये धड़के, क्या कहते जज्बात।

हरदम तुझे ही सोचूं,मिलने‌ को मैं लोचूं
कैसे सामने तेरे रखूं,दिल की ये सौगात।

कब तलक देखूं राह, दिल को दे पनाह
कहीं देर हो जाये,और बदल जाए हालात

कोई देता नही साथ , छुड़ा लेंगे सब हाथ
देने‌ को तो सब दे देंगे, अच्छे मशविरात।

बोझ न बने जिंदगी,कर खुदा की बंदगी
अच्छे बुरे कर्मों की ,कर थोड़ी तहकीकात
सुरिंदर कौर

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