गुरू रहमत का गुलाब…. गुरू रहमत का गुलाब…. जब मयस्सर हुआ, फिज़ा महकी हरसूं… मुर्शिद का तसव्वुर हुआ। 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏 डॉ.श्वेता सूद ‘मधु’