ज़िंदगी में एक वक़्त ऐसा भी आता है

ज़िंदगी में एक वक़्त ऐसा भी आता है
जब हम खुदको दुनिया से और अपने करीबी रिश्तों से दूर करलेते हैं लोग हमे घमंडी और लापरवाह समझने लगते हैं और हमारी तन्हाई पर तरह तरह की बातें करने लगते हैं मगर सच यह होता है यह दूरी ख़ुद को संभालने और लोगो की असलियत पहचानने का नतीजा होती है उस वक़्त इंसान लहजों के असल मानी समझने लगते है लोगो के रवैये उस पर असर दिखाना छोड़ देते हैं और किसी का ताना या नज़र अंदाज़ किये जाने का एहसास दिल को नहीं चुभ और फिर खामोशी होती है।