एक तरफा मोहब्बत की हम मिसाल बन गए

एकतरफा मोहब्बत की हम, मिसाल बन गए।
रोशन हुई मोहब्बत, मशाल बन गए।।
जलती है हर आँख, हमारी मोहब्बत से।
हम हर गजल में, एक सवाल बन गए ।।
एकतरफा मोहब्बत की——————–।।
जो कह रहे थे कल, कदमों की देख दूरी।
जो हंस रहे थे हमारी, देखकै मजबूरी।।
आ गए करीब आज , हम दोस्त बन गए।
एकतरफा मोहब्बत की——————–।।
चलाते थे तीर हम पर , करने को खत्म हमको।
करते थे बदनामी, कहने को पापी हमको।।
महका दिये फूल हमने, हम चमन बन गए।
एकतरफा मोहब्बत की———————-।।
किया नहीं यकीन हम पर , समझते थे लूटेरा।
कोशिश की मिटाने की, आशियाना हमारा।।
करते हैं अब तारीफ सब, हम मकबूल बन गए।
एकतरफा मोहब्बत की————————।।
साहित्यकार एवं शिक्षक-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847