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22 Jan 2025 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

मुसीबतों से क्यूँ कर घबराना
कोशिशों का कारवाँ सजाना
आयेंगे राह में रोड़े बहुत
खुद पर भरोसा जताना l

मिट जाएंगी पीर सारी
क्यूँ कर यूँ ही डर जाना
कर खुद के हौसले बुलंद
तुम्हें है मंज़िल पार जाना ll

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

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