Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2025 · 1 min read

“कुछ लोग”

“कुछ लोग”

कुछ लोग यूँ डर कर जिंदे मर गए,
जैसे पिंजरे में बन्द परिन्दे मर गए।

8 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#आज_का_मुक्तक
#आज_का_मुक्तक
*प्रणय*
नादान नहीं है हम ,सब कुछ समझते है ।
नादान नहीं है हम ,सब कुछ समझते है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
सारे एहसास के
सारे एहसास के
Dr fauzia Naseem shad
****माता रानी आई****
****माता रानी आई****
Kavita Chouhan
अभिमानी  इस जीव की,
अभिमानी इस जीव की,
sushil sarna
अन्तर्वासना का ज्वर किसी भी लड़की की तरफ आकर्षण का प्रमुख का
अन्तर्वासना का ज्वर किसी भी लड़की की तरफ आकर्षण का प्रमुख का
Rj Anand Prajapati
गुरूजी गौरव का है नाम...
गुरूजी गौरव का है नाम...
TAMANNA BILASPURI
"ऐ वतन, ऐ वतन, ऐ वतन, मेरी जान"
राकेश चौरसिया
छूटना
छूटना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कुछ खोये बिना हमने पाया है, कुछ मांगे बिना हमें मिला है, नाज
कुछ खोये बिना हमने पाया है, कुछ मांगे बिना हमें मिला है, नाज
Vishal Prajapati
रिश्तों की कद्र
रिश्तों की कद्र
Sudhir srivastava
*आए ईसा जगत में, दिया प्रेम-संदेश (कुंडलिया)*
*आए ईसा जगत में, दिया प्रेम-संदेश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सबने हाथ भी छोड़ दिया
सबने हाथ भी छोड़ दिया
Shweta Soni
चलो अब हम यादों के
चलो अब हम यादों के
Dr. Kishan tandon kranti
परल दूध में नमक कहीं से, निमनो दूध जियान हो गइल
परल दूध में नमक कहीं से, निमनो दूध जियान हो गइल
अवध किशोर 'अवधू'
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
Namita Gupta
गांव के तीन भाई
गांव के तीन भाई
राकेश पाठक कठारा
कुछ खो गया
कुछ खो गया
C S Santoshi
3134.*पूर्णिका*
3134.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यौवन
यौवन
Ashwani Kumar Jaiswal
वीरान गली हैरान मोहल्ला कुछ तो अपना अंदाज लिखो / लवकुश_यादव_अजल
वीरान गली हैरान मोहल्ला कुछ तो अपना अंदाज लिखो / लवकुश_यादव_अजल
लवकुश यादव "अज़ल"
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
gurudeenverma198
...........
...........
शेखर सिंह
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
- अपनो पर जब स्वार्थ हावी हो जाए -
- अपनो पर जब स्वार्थ हावी हो जाए -
bharat gehlot
प्यार हुआ तो कैसे
प्यार हुआ तो कैसे
Mamta Rani
हमारी मंजिल
हमारी मंजिल
Diwakar Mahto
तन अर्पण मन अर्पण
तन अर्पण मन अर्पण
विकास शुक्ल
पेंसिल हो या पेन‌ लिखने का सच हैं।
पेंसिल हो या पेन‌ लिखने का सच हैं।
Neeraj Agarwal
Loading...