इन दिनों कुछ समझ में नहीं आ रहा है जिंदगी मुझे कहा ले जा रही
इन दिनों कुछ समझ में नहीं आ रहा है जिंदगी मुझे कहा ले जा रही है,
बस आंखे बंद करके सबकुछ वक्त पर छोड़कर चलते जा रहे है, हर कदम कदम पे समझौता करते जा रहे है मन मारते जा रहे है,
खुशियां, मंजिल और अपनों से दूर होते जा रहे है, करना कुछ चाह रहे है हो कुछ और रहा है, जो चाहते है वो मिलता ही नही है,
बस ख्वाहिशों को दबाकर खुद को समझाकर चलते चले जा रहे है, कभी कभी तो बहुत थक जाते है सब कुछ संभालते संभालते, समझ में नही आता क्या करूं कैसे सबकुछ ठीक करूं, कभी कभी खुद की बहुत याद आती है
सोचते सोचते आंखे भी नम हो जाती है, एक वक्त था जब हम भी बहुत खुश थे
मेरा मन भी बहुत चंचल हुआ करता था और आज मन हमेशा परेशान सा रहता है रात को भी ठीक से नींद नही आती है, पता नही जिंदगी मुझे कहां ले जा रही है, बस इतना पता है मुझे बहुत सता रही है,