Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Dec 2024 · 1 min read

एक दिन वो मेरा हो जाएगा

वो नज़रे चुराते हैं मगर नज़रे मिलाते नहीं
सामने से तो गुजरते हैं कई बार मगर कभी मुस्कुराते नहीं।
सालों से उसी घड़ी उसी गली से गुजरते हैं।
मगर ना हम ना वो बात आगे बढ़ाते नहीं।

हम हर शाम बहाने से
पहले ही उनके आने से एक कोने तैयार रहते हैं।
उनको आते देखकर दूसरे किनारे से
हम अपने कदम आगे रखते हैं।

ना जाने क्या नशा है उनके दीदार में जो छूटता नहीं।
कुछ न पाकर भी यह दिल उनसे रूठता नहीं।
एक दिन ना देखा उसे दिल बेचैन हो गया।
घर आकर मैं वापस बिन कुछ खाएं सो गया।

जब तक ना देखा उसे दिल बहुत बेचैन रहा।
मेरे दिल के दर्द की वो बन गए हैं एक दवा
क्या उन्हें भी मुझसे प्यार है या यह सब बेकार है।
क्या यह मेरा वहम हैं या उसे भी मेरा इंतजार है।

सालों साल बीत गए
लब्जो से बात बढ़ी नहीं
दिल की पतंग तो है मगर
आसमान में अब तक चढ़ी नहीं।

न जाने कभी ये किनारे मिलेंगे
ना जाने कब हम दिल की बात कहेंगे
ना जाने कब उनके घर बारात लेकर आऊंगा
ना जाने कब वह मेरे और मैं उनका हो जाऊंगा।

मगर लगता है एक दिन बात आगे जरुर बढ़ेगी।
जुबान से ना हो भले, वो भी हमसे नजरों से बात करेगी।
कभी तो इस खामोशी में शोर आएगा
एक दिन तो वो मेरा बस मेरा हो जाएगा

“एकांत”

2 Likes · 114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

We have returned from every door of life,
We have returned from every door of life,
अनिल "आदर्श"
माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया
माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया
Shweta Soni
"गुलशन"
Dr. Kishan tandon kranti
हरियाली की तलाश
हरियाली की तलाश
Santosh kumar Miri
प्रभात
प्रभात
*प्रणय प्रभात*
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
Shreedhar
फागुन
फागुन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
https://www.karendoll.com/
https://www.karendoll.com/
karendoll kin
बहनें
बहनें
krupa Kadam
ख्वाबों में कितनी दफा
ख्वाबों में कितनी दफा
शिव प्रताप लोधी
“HUMILITY FORGIVES SEVEN MISTAKES “
“HUMILITY FORGIVES SEVEN MISTAKES “
DrLakshman Jha Parimal
'सहस्त्रचंद्र दर्शनाच्या उंबरठ्यावर' (माजी विद्यार्थीनी मनोगत)
'सहस्त्रचंद्र दर्शनाच्या उंबरठ्यावर' (माजी विद्यार्थीनी मनोगत)
Kanchan Alok Malu
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
VINOD CHAUHAN
Time never returns
Time never returns
Buddha Prakash
वह समझ लेती है मेरी अनकहीं बातो को।
वह समझ लेती है मेरी अनकहीं बातो को।
अश्विनी (विप्र)
*पेड़*
*पेड़*
Dushyant Kumar
पेवन पहने बाप है, बेटा हुए नवाब।
पेवन पहने बाप है, बेटा हुए नवाब।
संजय निराला
"बुलंद इरादों से लिखी जाती है दास्ताँ ,
Neeraj kumar Soni
हमको लगता है बेवफाई से डर....
हमको लगता है बेवफाई से डर....
Jyoti Roshni
मुश्किलें
मुश्किलें
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
Lets become unstoppable... lets break all the walls of self
Lets become unstoppable... lets break all the walls of self
पूर्वार्थ
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*संगीत के क्षेत्र में रामपुर की भूमिका : नेमत खान सदारंग से
*संगीत के क्षेत्र में रामपुर की भूमिका : नेमत खान सदारंग से
Ravi Prakash
दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
Neeraj Kumar Agarwal
आशियाना
आशियाना
Uttirna Dhar
दलित साहित्य के महानायक : ओमप्रकाश वाल्मीकि
दलित साहित्य के महानायक : ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
* चतु-रंग झंडे में है *
* चतु-रंग झंडे में है *
भूरचन्द जयपाल
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
sushil sarna
नन्ही परी
नन्ही परी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...