तुझे देंगे धरती मां बलिदान अपना
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मदहोशियां कहाँ ले जाएंगी क्या मालूम
बिन तेरे जिंदगी हमे न गंवारा है
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
अब नहीं बजेगा ऐसा छठ का गीत
Don’t worry, the right one won’t leave.
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
दिन - रात मेहनत तो हम करते हैं
आँखें अश्क छिपाने की मुमकिन कोशिश करती है,