सिर्फ जी तोड़कर मेहनत की ,नहीं की कभी नतीजे की परवाह ,
मैंने मोहब्बत को बड़ी ही शिद्दत से निभाया
*तानाजी पवार: जिनके हाथों में सोने और चॉंदी के टंच निकालने क
23/64.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आजकल सबसे जल्दी कोई चीज टूटती है!
Rumors, gossip, and one-sided stories can make it easy to pa
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
"गरीबी मिटती कब है, अलग हो जाने से"
अरसे के बाद, तस्लीम किया उसने मुझे,
चलो यूं हंसकर भी गुजारे ज़िंदगी के ये चार दिन,
" अब कोई नया काम कर लें "
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
जीता हूं मैं अब तो बस तुम्ही को देखकर।
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों