Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
25 Oct 2024 · 1 min read

#मुक्तक-

#मुक्तक-
■ मौजूदा राजनीति।
[प्रणय प्रभात]
मामूली मत समझो इस को याद रखो,
नासूरी बनते घातक छाले सी है।
कभी सियासत इक गहरे दरिया सी थी,
वही सियासत अब उथले नाले सी है।।
👌👌👌👌👌👌👌👌👌
-सम्पादक-
●न्यूज़&व्यूज़●
(मध्य-प्रदेश)

Loading...