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16 Oct 2024 · 1 min read

इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,

इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
ज़िन्दगी हो और जीने की तमन्ना न रहे।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

2 Likes · 54 Views
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