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5 Oct 2024 · 1 min read

तुम पास आए

तुम पास आए जब ,दीये जगमगाए ।
झुक गयी पलकें ,और लब थरथराए।

ज़ेहन में आया ,तलातुम ए जज्बात।
बेकाबू हुआ दिल ,ऐसे थे हालात।

जिंदगी लगने लगी ,एक हसीं सफ़र।
जब से तुम हुये‌, मेरे‌ हमसफर ।

चूड़ियों की खनक ,मन को भाने लगी।
मैं बिना बात ही , मुस्कुराने लगी।

खुदा करे ये साथ ,हमारा अब न छूटे।
किस्मत हमारी से ,खुशियां न कोई लूटे।

सुरिंदर कौर

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