Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2024 · 1 min read

**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**

**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
***************************

तीखी नजरें आर – पार कर बैठे।
नाजुक सा दिल तार-तार कर बैठे।

लम्हा था तन्हाँ भरा-भरा शातिर,
बातों – बातों में विचार कर बैठे।

इंजामों का यूँ अता – पता ना था,
चाहत अपनी बेशुमार कर बैठे।

हादसे से हादसा हो गया पथ पर,
बैठे – बिठाए खुद शिकार कर बैठे।

मनसीरत माजरा समझ नहीं पाया,
पत्थर दिल यार से प्यार कर बैठे।
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

1 Like · 94 Views

You may also like these posts

" नदिया "
Dr. Kishan tandon kranti
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
*********** आओ मुरारी ख्वाब मे *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पवनपुत्र
पवनपुत्र
Jalaj Dwivedi
कितना प्यार
कितना प्यार
Swami Ganganiya
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
डॉ. दीपक बवेजा
जीवन की ढलती शाम
जीवन की ढलती शाम
नूरफातिमा खातून नूरी
हम सृजन के पथ चलेंगे
हम सृजन के पथ चलेंगे
Mohan Pandey
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
gurudeenverma198
वे आजमाना चाहते हैं
वे आजमाना चाहते हैं
Ghanshyam Poddar
क़ज़ा के नाम पैगाम .. (गज़ल)
क़ज़ा के नाम पैगाम .. (गज़ल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रतिनिधित्व
प्रतिनिधित्व
NAVNEET SINGH
यूं आंखों ही आंखों में शरारत हो गई है,
यूं आंखों ही आंखों में शरारत हो गई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
धर्म और विडम्बना
धर्म और विडम्बना
Mahender Singh
तुम जियो हजारों साल मेरी जान।
तुम जियो हजारों साल मेरी जान।
Rj Anand Prajapati
बादल
बादल
Shashi Mahajan
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
Mukta Rashmi
दोहा षष्ठ. . . .  अर्थ
दोहा षष्ठ. . . . अर्थ
Sushil Sarna
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
आज फ़िर
आज फ़िर
हिमांशु Kulshrestha
गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे।
गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे।
Kumar Kalhans
“गोहार: आखिरी उम्मीद ”
“गोहार: आखिरी उम्मीद ”
ओसमणी साहू 'ओश'
दरारों में   ....
दरारों में ....
sushil sarna
#जय_गौवंश
#जय_गौवंश
*प्रणय*
एक संदेश युवाओं के लिए
एक संदेश युवाओं के लिए
Sunil Maheshwari
काम चले ना
काम चले ना
ललकार भारद्वाज
धधकती आग।
धधकती आग।
Rj Anand Prajapati
पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा।
पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा।
Sanjay ' शून्य'
4468 .*पूर्णिका*
4468 .*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल -ख़बर से ही भरोसा जा रहा है
ग़ज़ल -ख़बर से ही भरोसा जा रहा है
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
" बख्तावरपुरा वाली मैडम "
Dr Meenu Poonia
Loading...