"जीभ"
“जीभ”
कभी आग उगलती जाती जीभ,
कभी प्रेम की जोत जलाती जीभ।
नन्हें- मुन्हें सब दौड़े चले आते,
ममता की अलख जगाती जीभ।
“जीभ”
कभी आग उगलती जाती जीभ,
कभी प्रेम की जोत जलाती जीभ।
नन्हें- मुन्हें सब दौड़े चले आते,
ममता की अलख जगाती जीभ।