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21 Aug 2024 · 1 min read

मेरा नाम …. (क्षणिका)

मेरा नाम …. (क्षणिका)

ये कौन मेरी हथेलियों पे
कोरा आसमान लिख गया
स्मृति मेघ की बूंदों से
मन विहग में संचित
सुलगते अरमान लिख गया
मैं देखती रही अपलक
दूर क्षितिज को चूमते
उस जलधि को
जिसकी बेखौफ लहरों पर
न जाने कब
कोई चुपके से
मेरा नाम लिख गया

सुशील सरना

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