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17 Aug 2024 · 1 min read

उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।

उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उसके चेहरे पर मैंने आफताब देखा है ।
तू ये बता कि हक़ीक़त है या ये अफसाना।
उसकी सूरत में मैंने खिलता गुलाब देखा है ।।
Phool gufran

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