सत्य का सामना करना आ गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी का सफर है सुहाना, हर पल को जीते रहना। चाहे रिश्ते हो
*रंग-बिरंगी दुनिया फिल्मी*
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
मुझे तो इस समुद्र की तरह गहरा संबंध बनाना है।
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
*मची हैं हर तरफ ऑंसू की, हाहाकार की बातें (हिंदी गजल)*
ये दिल तेरी चाहतों से भर गया है,
समय बीतते तनिक देर नहीं लगता!