Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2024 · 1 min read

नर्क भोगने के लिए पाप करना ही जरूरी नहीं हैं, अगर आप एक शिक्

नर्क भोगने के लिए पाप करना ही जरूरी नहीं हैं, अगर आप एक शिक्षित बेरोजगार है तो ये जीवन भी किसी नर्क से कम नहीं…

95 Views

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
हे जग की माता
हे जग की माता
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बड़े बड़े लेख लिखे जाते हैं महिला दिवस पर पुरुषों द्वारा।
बड़े बड़े लेख लिखे जाते हैं महिला दिवस पर पुरुषों द्वारा।
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ज़हनी मौत
ज़हनी मौत
Shekhar Chandra Mitra
आंसुओं से अपरिचित अगर रह गए।
आंसुओं से अपरिचित अगर रह गए।
Kumar Kalhans
4676.*पूर्णिका*
4676.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम हिंदुओ का ही हदय
हम हिंदुओ का ही हदय
ओनिका सेतिया 'अनु '
वह मुझे चाहता बहुत तो था
वह मुझे चाहता बहुत तो था
Shweta Soni
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
Paras Nath Jha
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
Dr Archana Gupta
रँगि देतs हमहू के कान्हा
रँगि देतs हमहू के कान्हा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आए हैं रामजी
आए हैं रामजी
SURYA PRAKASH SHARMA
दोहा पंचक . . . सच-झूठ
दोहा पंचक . . . सच-झूठ
sushil sarna
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
शांत नगरिया राम की, रामनगर है नाम।
शांत नगरिया राम की, रामनगर है नाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बचपन की मोहब्बत
बचपन की मोहब्बत
Surinder blackpen
All good
All good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
- गहरी खामोशी -
- गहरी खामोशी -
bharat gehlot
" फिलॉसफी "
Dr. Kishan tandon kranti
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं
दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऋतु राज
ऋतु राज
लक्ष्मी सिंह
मौन संवाद
मौन संवाद
Ramswaroop Dinkar
*ताबीज बना रक्षक*(कहानी)
*ताबीज बना रक्षक*(कहानी)
Dushyant Kumar
तुम मुझे मेरा गिफ़्ट ये देना
तुम मुझे मेरा गिफ़्ट ये देना
MEENU SHARMA
😊अनुभूति😊
😊अनुभूति😊
*प्रणय*
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
कविता
कविता
Nmita Sharma
शिल्पकार
शिल्पकार
sheema anmol
Loading...