Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
3 Aug 2024 · 1 min read

विषय -किताबें सबकी दोस्त!

विषय-किताबें सबकी दोस्त!
———————————
किताबें! सबकी दोस्त होती ।
दुनिया की जानकारी हमको,
किताबों से ही मिलती।
अकेले होकर हम किताबों के,
साथ अकेले नहीं होते।
ज्ञान का भण्डार होतीं किताबें
सागर की तरह इसमें खजाने
भरे होते ।।

जीवन इंसान का बदलकर,
शान से जीना है सिखाती।
तभी तो किताबें सभी की ,
साथी कहलाती !

बचपन से सब पढ़ते आ रहे,
किताबों को हम सभी।
इसीलिए किताबों को हम,
हमदर्द समझतें हैं सभी!

लेकिन!आज बचपन की प्रिय,
किताबें मिलती नहीं हमको।
बहुत याद आती हैं वो किताबें,
जो पहली बार पढ़ाई हमको।।

आज ढूंँढती हूंँ उन किताबों को,
उनमें बचपन जीना चाहती हूंँ।
मैंने जो पढ़ी बचपन में किताबें,
वो हृदय में बसाना चाहती हूँ।।

हर-पल प्रिय किताबों का,
सानिध्य में नित चाहती हूँ।
शब्दों की माला में पिरोकर,
साहित्य सजाना चाहती हूँ।।

सुषमा सिंह *उर्मि,,

Loading...