Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2024 · 1 min read

“बिन गुरु के”

“बिन गुरु के”
बिन गुरु के मिलय नहीं
ए जिनगी म गियान,
गुरु ले बढ़के नइये इहाँ
अउ कोनो भगवान।

5 Likes · 3 Comments · 176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

मुख़ातिब यूँ वो रहती है मुसलसल
मुख़ातिब यूँ वो रहती है मुसलसल
Neeraj Naveed
पछुआ हवा
पछुआ हवा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सच्ची प्रीत
सच्ची प्रीत
Dr. Upasana Pandey
Hubet là một trong những nhà cái trực tuyến hàng đầu hiện na
Hubet là một trong những nhà cái trực tuyến hàng đầu hiện na
Hubet
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
एक आरजू
एक आरजू
लक्ष्मी सिंह
#मुक्तक_का_मन्तव्य
#मुक्तक_का_मन्तव्य
*प्रणय प्रभात*
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
Manisha Manjari
दुखड़े   छुपाकर  आ  गया।
दुखड़े छुपाकर आ गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़ज़ल _जान है पहचान है ये, देश ही अभिमान है ।
ग़ज़ल _जान है पहचान है ये, देश ही अभिमान है ।
Neelofar Khan
कितनी जमीन?
कितनी जमीन?
Rambali Mishra
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
घमंड की बीमारी बिलकुल शराब जैसी हैं
शेखर सिंह
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
4677.*पूर्णिका*
4677.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
घनाक्षरी- पेड़ की कृपा
घनाक्षरी- पेड़ की कृपा
आकाश महेशपुरी
मात्रा भार - उच्चारण आधार पर(मात्रिक छंदो में )
मात्रा भार - उच्चारण आधार पर(मात्रिक छंदो में )
Subhash Singhai
बाबा जी
बाबा जी
ललकार भारद्वाज
वक्त की चोट
वक्त की चोट
Surinder blackpen
Subject: Remorse
Subject: Remorse
Priya princess panwar
मंजिल।
मंजिल।
Kanchan Alok Malu
130 किताबें महिलाओं के नाम
130 किताबें महिलाओं के नाम
अरशद रसूल बदायूंनी
① ख़्वाब से जुड़ चुका है इस दरजा,
① ख़्वाब से जुड़ चुका है इस दरजा,
Dr fauzia Naseem shad
"उम्र"
Dr. Kishan tandon kranti
चीखें अपने मौन की
चीखें अपने मौन की
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
मातृभूमि
मातृभूमि
Kanchan verma
कौन हुँ मैं?
कौन हुँ मैं?
TARAN VERMA
शब्दहीन स्वर
शब्दहीन स्वर
Jai Prakash Srivastav
जल जंगल जमीन
जल जंगल जमीन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
Ranjeet kumar patre
हमारे ख्याब
हमारे ख्याब
Aisha Mohan
Loading...