उसने कहा, "क्या हुआ हम दूर हैं तो,?
सन्तानों ने दर्द के , लगा दिए पैबंद ।
अधूरेपन की बात अब मुझसे न कीजिए,
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
ग़ज़ल(ज़िंदगी लगती ग़ज़ल सी प्यार में)
काश, धर्मनगरी में कोई धर्मवीर होता। धिक्कार संवेदनाहीन शिखण्
सावन भादो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बंदिशें इस क़दर रहीं दिल की
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## चुप्पियाँ (इयाँ) रदीफ़ ## बिना रदीफ़
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"किसान का दर्द"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे