Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jul 2024 · 3 min read

*ठाकुरद्वारा मंदिर/पंडित मुनीश्वर दत्त मंदिर में दर्शनों का

ठाकुरद्वारा मंदिर/पंडित मुनीश्वर दत्त मंदिर में दर्शनों का सौभाग्य
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃
रामपुर। आज दिनांक 7 जुलाई 2024 रविवार को रात्रि 9:00 बजे के पश्चात मिस्टन गंज स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर/ पंडित मुनीश्वर दत्त का मंदिर जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज की तिथि विशेष है। आज ही उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती हैं तथा आज ही अनेक वर्षों से ठाकुरद्वारा/ पंडित मुनीश्वर दत्त के मंदिर से भी यात्रा निकलने का क्रम चल रहा है।

दिन भर की रथ यात्रा की चहल-पहल के बाद रात्रि के समय मंदिर में शांति है। भगवान जगन्नाथ की मूर्तियॉं मंदिर में प्रतिष्ठित हैं । वही भाव और सुंदर रूप जो जगन्नाथपुरी में भक्तों को दर्शन के लिए प्राप्त होता है।

वर्तमान पुजारी महोदय की माताजी मंदिर की सेवा के लिए उपस्थित थीं । मैं और मेरी पत्नी श्रीमती मंजुल रानी ने जब माताजी से जानकारी लेना चाही तो उन्होंने बताया कि जगन्नाथ जी की मूर्तियां लगभग बीस वर्ष पहले स्थापित हुई थीं । इन मूर्तियों के निकट ही राधा-कृष्ण की मूर्ति है। राधा-कृष्ण की मूर्तियों का आकार बड़ा है। भगवान कृष्ण की मूर्ति गहरे काले पत्थर की बनी हुई है। जबकि राधा जी की मूर्ति श्वेत वर्ण की है। भगवान कृष्ण की मूर्ति का पत्थर उतना ही काला है, जितना अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठित रामलला की मूर्ति का रंग है। माताजी ने बताया कि यह मूर्ति मंदिर की सबसे प्राचीन मूर्ति है।
“अर्थात इस मूर्ति को स्थापित हुए कितना समय हो गया होगा?”-हमने पूछा।
“लगभग तीन सौ वर्ष” अनुमान से माताजी ने उत्तर दिया। तीन सौ वर्ष की अवधि रामपुर में नवाबी शासन की भी नहीं है। इसका अर्थ हुआ कि राधा कृष्ण की यह मूर्ति नवाबी शासन से पहले की हैं ।

“प्राचीन मूर्तियों में और किन-किन मूर्तियां की गणना की जा सकती है?”- इस प्रश्न के उत्तर में माताजी ने हनुमान जी की मूर्ति तथा भगवान शंकर के शिवलिंग का उल्लेख किया। हनुमान जी की मूर्ति बहुत सी मूर्तियां के मध्य स्थापित है। माताजी ने यह भी बताया कि हनुमान जी की मूर्ति ठीक उसी स्थान पर है, जहां यह हमेशा से थी। शिवलिंग भी प्राचीन स्थान पर ही आज भी स्थापित है। समय-समय पर ठाकुरद्वारा/ पंडित मुनीश्वर दत्त के मंदिर में अनेक मूर्तियां लगती रही हैं । धनुष लिए हुए भगवान राम और सीता की मूर्ति भी हैं ।भगवान विष्णु और लक्ष्मी की मूर्तियां भी हैं। विगत वर्षों में श्याम बाबा की मूर्ति भी स्थापित हुई है। हाल ही में हरि बाबा बॉंध वाले (अनूप शहर, उत्तर प्रदेश) की भी एक सुंदर विशाल मूर्ति मंदिर के मुख्य हॉल में प्रवेश करते ही भव्यता से स्थापित हुई है। इन सब मूर्तियों से मंदिर का सौंदर्य अनेक गुना बढ़ गया है।

संगमरमर का साफ-सुथरा फर्श तथा दीवारों पर संगमरमर का सुंदर कार्य मंदिर की स्वच्छता को आशातीत रूप से बढ़ा रहा है। मंदिर में जब हमने प्रवेश किया था, तो दो-तीन श्रद्धालु ही दर्शन करके बाहर आ रहे थे। एक सज्जन अपने पुत्र को उसके जन्मदिन पर मंदिर में दर्शन कराने के लिए लाए थे । सुपरिचित थे। जन्मदिन के अवसर पर बच्चों को मंदिर ले जाने की परिपाटी देखकर और भी अच्छा लगा।
—————————————-
लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

88 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

चलो हम दोनों हमसफर बन जाते हैं
चलो हम दोनों हमसफर बन जाते हैं
Jyoti Roshni
सब्र करते करते
सब्र करते करते
Surinder blackpen
का कहीं लोर के
का कहीं लोर के
आकाश महेशपुरी
पिछले पन्ने 7
पिछले पन्ने 7
Paras Nath Jha
बाबा भक्त हास्य व्यंग्य
बाबा भक्त हास्य व्यंग्य
Dr. Kishan Karigar
मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता:दोषी कौन
मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता:दोषी कौन
Sudhir srivastava
भूख सोने नहीं देती
भूख सोने नहीं देती
Shweta Soni
2531.पूर्णिका
2531.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वे आजमाना चाहते हैं
वे आजमाना चाहते हैं
Ghanshyam Poddar
करो तुम प्यार ही सबसे, सबों को अपना तुम मानो !
करो तुम प्यार ही सबसे, सबों को अपना तुम मानो !
DrLakshman Jha Parimal
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
मोबाइल भक्ति
मोबाइल भक्ति
Satish Srijan
दिल गर पत्थर होता...
दिल गर पत्थर होता...
ओनिका सेतिया 'अनु '
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
Mostly relationships will get “Boring” after you have been t
Mostly relationships will get “Boring” after you have been t
पूर्वार्थ
गणगौर का त्योहार
गणगौर का त्योहार
Savitri Dhayal
शब्दों के तीर
शब्दों के तीर
Meera Thakur
🙅चापलूस चकोरों के नाम🙅
🙅चापलूस चकोरों के नाम🙅
*प्रणय*
कामय़ाबी
कामय़ाबी
Shyam Sundar Subramanian
"दो वक़्त की रोटी"
Ajit Kumar "Karn"
"मनुष्य की प्रवृत्ति समय के साथ बदलना शुभ संकेत है कि हम इक्
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
Mamta Singh Devaa
कहानी
कहानी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Line.....!
Line.....!
Vicky Purohit
फागुन महराज, फागुन महराज, अब के गए कब अइहा: लोक छत्तीसगढ़ी कविता
फागुन महराज, फागुन महराज, अब के गए कब अइहा: लोक छत्तीसगढ़ी कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दीपउत्सव
दीपउत्सव
श्रीहर्ष आचार्य
- जीवन का उद्देश्य कुछ बड़ा बनाओ -
- जीवन का उद्देश्य कुछ बड़ा बनाओ -
bharat gehlot
घमंड ही घमंड है l
घमंड ही घमंड है l
अरविन्द व्यास
मीनाकुमारी
मीनाकुमारी
Dr. Kishan tandon kranti
माँ दुर्गा अष्टमी
माँ दुर्गा अष्टमी
C S Santoshi
Loading...