गीत- सभी हालात में हँसके...
कुम्भ मेला दृश्य
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
गुरु ही साक्षात ईश्वर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जरा मेरे करीब आकर कोई गजल कहो
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
"सुख पहेली है, दुख पहेली है ll
दोस्तो रौ साथ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
— बेटे की ख़ुशी ही क्यूं —??
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*अपनी-अपनी जाति को, देते जाकर वोट (कुंडलिया)*
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
*होंश खोकर जिंदगी कभी अपनी नहीं होती*
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Job can change your vegetables.
वो पेड़ को पकड़ कर जब डाली को मोड़ेगा
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़