अर्चना की कुंडलियां भाग 2
अनारकली भी मिले और तख़्त भी,
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
सितम गुलों का न झेला जाएगा
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
साध्य पथ
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कविता चोरों को सप्रेम भेंट
आओ करें हम अर्चन वंदन वीरों के बलिदान को
कहीं फूलों की साजिश में कोई पत्थर न हो जाये
मैंने रात को जागकर देखा है