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30 May 2024 · 1 min read

धूप

धूप तू क्यों इतनी पड़ी है,
लोगों की जान आफत में खड़ी है।

आज कल सूर्य देव की मेहरबानी बड़ी है,
तभी तो लोगों को पेड़ लगाने कि याद आई है।

इन्सान की गलतियों की सजा बेचारे,
बेजुबान जानवरों को भी भुगतनी पड़ी है
फिर भी इंसानों। कि अक्ल हाथ में डंडा ,
लेकर खड़ी है।

अब तो संभल जाओ छोड़ दो मनमानी,
अधिक से अधिक पेड़ लगाओ ।
जिस से धरती पर आए खुशहाली।

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