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30 May 2024 · 1 min read

*दादा जी ने पहना चश्मा (बाल कविता)*

दादा जी ने पहना चश्मा (बाल कविता)
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दादा जी ने पहना चश्मा
सदा संग अब रहना चश्मा

नाक-कान पर टिका दीखता
जैसे कोई गहना चश्मा

एक मुसीबत है रोजाना
टॉंगे-टॉंगे सहना चश्मा
——————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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