Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 1 min read

जोख़िम दग़ा का अज़ीज़ों से ज़्यादा

किसी के ठहरने से, वक़्त कहाँ ठहरता है,
ये सिलसिला है, मुसलसल बना रहता है।
☘️☘️
बेपरवाह नहीं होती, नादान ख़्वाहिशें कभी,
उल्फ़त को भी, असलियत का पता रहता है।
☘️☘️
गैर, गैर हैं, गैरों से दूरियाँ रक्खो, लेकिन,
जोख़िम दग़ा का अज़ीज़ों से ज़्यादा रहता है।
☘️☘️
मोहब्बतें भी इन दिनों ख़ासों की जाग़ीर हैं,
रिश्ता दौलतों के मुताबिक़ टिका करता है।
☘️☘️
किसी की आहटें, मेरे भीतर होते रहती है,
जाने कौन मेरे दिल में, डेरा बनाए रहता है।
☘️☘️
इन सर्द रातों में, ठंडे बिस्तर के आजू-बाजू,
दुश्वारियों का सुलगता अलाव सुकून देता है।

74 Views
Books from Shreedhar
View all

You may also like these posts

जो लड़ाई ना जीती जा सके बयानों से..
जो लड़ाई ना जीती जा सके बयानों से..
Shweta Soni
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य: पुनर्गठन।
उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य: पुनर्गठन।
Acharya Rama Nand Mandal
गुलाब हटाकर देखो
गुलाब हटाकर देखो
Jyoti Roshni
सीख (नील पदम् के दोहे)
सीख (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
लिख रहे
लिख रहे
Kunal Kanth
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
Keshav kishor Kumar
कोई खुश हो तो मिला दो उस से......
कोई खुश हो तो मिला दो उस से......
shabina. Naaz
साहित्यिक आलेख - पुस्तक विमर्श - मैला आँचल
साहित्यिक आलेख - पुस्तक विमर्श - मैला आँचल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
कर शरारत इश्क़ में जादू चलाया आपने ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
काजल
काजल
SHAMA PARVEEN
3104.*पूर्णिका*
3104.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दरअसल Google शब्द का अवतरण आयुर्वेद के Guggulu शब्द से हुआ ह
दरअसल Google शब्द का अवतरण आयुर्वेद के Guggulu शब्द से हुआ ह
Anand Kumar
" कद्र "
Dr. Kishan tandon kranti
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
मां जो है तो है जग सारा
मां जो है तो है जग सारा
Jatashankar Prajapati
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Dr.Pratibha Prakash
गीत
गीत
Pankaj Bindas
"बचपन यूं बड़े मज़े से बीता"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उसे दुःख होगा
उसे दुःख होगा
Rajender Kumar Miraaj
यहां  ला  के हम भी , मिलाए गए हैं ,
यहां ला के हम भी , मिलाए गए हैं ,
Neelofar Khan
यादों से निकला एक पल
यादों से निकला एक पल
Meera Thakur
दुनिया देखती है रंग
दुनिया देखती है रंग
पूर्वार्थ
जुस्तज़ू के किनारे
जुस्तज़ू के किनारे
Vivek Pandey
नेता जी
नेता जी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कविता -
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
Anand Sharma
कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर
कब तक यूँ आजमाएंगे हमसे कहो हुजूर
VINOD CHAUHAN
कुहुक कुहुक
कुहुक कुहुक
Akash Agam
बढ़ी हैं दूरियाँ दिल की भले हम पास बैठे हों।
बढ़ी हैं दूरियाँ दिल की भले हम पास बैठे हों।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...