Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
29 May 2024 · 1 min read

मेरे कृष्ण की माय आपर

नटखट पनघट पर
झटपट तोड़त नार
भ्रम टंकार मार
खींचत भ्रम तार
मटकी मखान से भर
जात देखत जब नार
फोड़त पाप मन मटकी
भर कर हुंकार
माया का काट जाल
प्रेम का करते प्रचार
मार्ग जो था कुमार्ग
उसको बनाते स्तमार्ग
मेरे कृष्ण की
माय आपर
मेरे कृष्ण की
माय आपर

नीरज मिश्रा ” नीर ” बरही मध्य प्रदेश

Loading...