Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

*What is Life…*

What is life-
With all its wonders
Tempts to live
To bear the burdens
With a smile on lips.

Makes us strong
Avoids all the wrongs
To make life safe
For all men’s sake.

To quench the thirst
To appreciate the just
To be distinct from the rest
As birds in the nest.

Must do the right
For the future so bright

To make it sure
To cure beyond cure
As this is the way
No reasons to say
Why should we bow
For we don’t know

What will happen next
With life full of zest
Move towards the goal
With the heart as a whole

For this we need
In this world to get the lead
A strong heart to bear
With no reasons to be there
Where all have to do
Without knowing who’s who
With patience to observe
And keep going and serve.

Language: English
154 Views
Books from Veneeta Narula
View all

You may also like these posts

एक ख्याल हो तुम
एक ख्याल हो तुम
Chitra Bisht
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जिससे पहचान मेरी से जाए
जिससे पहचान मेरी से जाए
Dr fauzia Naseem shad
विश्वास
विश्वास
Bodhisatva kastooriya
पर्यावरण में मचती ये हलचल
पर्यावरण में मचती ये हलचल
Buddha Prakash
*फ़र्ज*
*फ़र्ज*
Harminder Kaur
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी...
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी...
Sunil Suman
भूख
भूख
Dr. Bharati Varma Bourai
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई...💔
कोई...💔
Srishty Bansal
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
एक ही राम
एक ही राम
Satish Srijan
करुण पुकार
करुण पुकार
Pushpa Tiwari
प्यार में धोखा खा बैठे
प्यार में धोखा खा बैठे
Jyoti Roshni
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तुम्हारे अंदर भी कई गुण होंगे,
तुम्हारे अंदर भी कई गुण होंगे,
Ajit Kumar "Karn"
एक अजन्मी पुकार
एक अजन्मी पुकार
R D Jangra
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
अब छोड़ दिया है हमने तो
अब छोड़ दिया है हमने तो
gurudeenverma198
*अध्याय 7*
*अध्याय 7*
Ravi Prakash
अपना सम्मान हमें ख़ुद ही करना पड़ता है। क्योंकी जो दूसरों से
अपना सम्मान हमें ख़ुद ही करना पड़ता है। क्योंकी जो दूसरों से
Sonam Puneet Dubey
पधारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
पधारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
शादी के बाद अक्सर कुछ रिश्तों में दूरी आ जाती है ।
शादी के बाद अक्सर कुछ रिश्तों में दूरी आ जाती है ।
Rekha khichi
कविता
कविता
Rambali Mishra
*जीने न दें दो नीले नयन*
*जीने न दें दो नीले नयन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
Lokesh Sharma
■ सवालिया शेर।।
■ सवालिया शेर।।
*प्रणय*
3539.💐 *पूर्णिका* 💐
3539.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हमें जीवन में अपने अनुभव से जानना होगा, हमारे जीवन का अनुभव
हमें जीवन में अपने अनुभव से जानना होगा, हमारे जीवन का अनुभव
Ravikesh Jha
Loading...