Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

एक अजन्मी पुकार

एक अजन्मी बेटी ने कोख से पुकारा
मां कैसा सुंदर होगा आसमान प्यारा
क्या कुदरत जमाने से डर जाएगी
क्या नन्ही सी जान कल मर जाएगी
मैं तुझे कुछ कहना चाहती हूं
आंचल में तेरे रहना चाहती हूं
यह छोटी सी सूई है तलवार जैसी
किस पाप मेरे की है मार ऐसी
भाई के कपड़ों से गुजारा करूंगी
ना कोई भी खर्चा तुम्हारा करूंगी
गुस्से को भी तेरे में झेल लूंगी
टूटे खिलौने से ही खेल लूंगी
ये बेबस निगाहें तुझे ताकती हैं
क्यूं तेरी निगाहें मुझे काटती है
तेरी गर्वित से खामोशी से डर गई हूं
कटने से पहले ही मैं मर गई हूं
मां कटने से पहले ही मैं मर गई हूं

आर डी जांगड़ा
खेदड़ (हिसार) हरियाणा
9416379042

Tag: Poem
1 Like · 74 Views

You may also like these posts

" आरजू "
Dr. Kishan tandon kranti
मन नही है और वक्त भी नही है
मन नही है और वक्त भी नही है
पूर्वार्थ
दुनिया हो गयी खफा खफा....... मुझ से
दुनिया हो गयी खफा खफा....... मुझ से
shabina. Naaz
*Hey You*
*Hey You*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
छोटे-मोटे चोर, उचक्के, ठग, लुटेरे, उठाईगिरे भी बस उन्हें
छोटे-मोटे चोर, उचक्के, ठग, लुटेरे, उठाईगिरे भी बस उन्हें "फ़ॉ
*प्रणय*
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
PK Pappu Patel
माॅं
माॅं
विक्रम सिंह
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
Ranjeet kumar patre
मुद्दत से संभाला था
मुद्दत से संभाला था
Surinder blackpen
विचार
विचार
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
गीत- बिछा पलकें नदी सरयू...
गीत- बिछा पलकें नदी सरयू...
आर.एस. 'प्रीतम'
"सूखा सावन"
राकेश चौरसिया
2487.पूर्णिका
2487.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
प्यारी माँ
प्यारी माँ
Rajesh Tiwari
"हिचकी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
gurudeenverma198
भोर में उगा हुआ
भोर में उगा हुआ
Varun Singh Gautam
13) परवाज़
13) परवाज़
नेहा शर्मा 'नेह'
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पिता
पिता
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
पूर्ण विराम
पूर्ण विराम
sheema anmol
शायरी
शायरी
Pushpraj devhare
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
Sarfaraz Ahmed Aasee
चमकते तारों में हमने आपको,
चमकते तारों में हमने आपको,
Ashu Sharma
आज़ादी की जंग में यूं कूदा पंजाब
आज़ादी की जंग में यूं कूदा पंजाब
कवि रमेशराज
*कलियुगी मंथरा और परिवार*
*कलियुगी मंथरा और परिवार*
Sanjay ' शून्य'
कुछ दर्द कहे नहीं जाते हैं।
कुछ दर्द कहे नहीं जाते हैं।
लक्ष्मी सिंह
चितौड़ में दरबार डोकरी
चितौड़ में दरबार डोकरी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
समय के आ मुसीबत के...
समय के आ मुसीबत के...
आकाश महेशपुरी
बाईसवीं सदी की दुनिया
बाईसवीं सदी की दुनिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...