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27 May 2024 · 1 min read

बचाओं नीर

#बचाओ नीर

जब जब देखते हैं__________
लोगों को व्यर्थ बहाते नीर।
तब तब सामने आती है_______
बर्बादी की तस्वीर।।
भविष्य सोच सोच के_______
आगे लगता है गंभीर।
जितनी जरूरत उतना बहाया करो___
चाहे हो गरीब या अमिर।।
वर्ना पानी माँगते फिरोगे_______
इधर उधर बनोगे फकीर।
नदियाँ पानी तालाब__________
संच इनका है जीवन मंदिर।।
आने वाले पीढ़ी की___________
नीव है जीवन नीर।
गंदगी ना करो तो___________
होगी भविष्य साफ तस्वीर।।
अब तो सब शिक्षित हैं________
सोचो और बचाओ नीर________
सोचो और बचाओ नीर________

स्वरचित मौलिक अप्रकाशित
कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.

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Books from krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
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