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21 May 2024 · 1 min read

सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो

सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो जाना।
(आचार्य राम चंद्र शुक्ल जी ने यह रस बनाया)

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