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15 May 2024 · 1 min read

कोई दुख नहीं

कोई दुख नहीं आज नहीं तो
कल इस दुनिया को छोड़कर जाना ही है।
कभी किसी के साथ खुश भी थे
कभी किसी के न रहने का गम भी है।

अपने हाले दिल का बयां करके
खुली किताब की तरह दिल निकाल के रख दिया
जिंदगी तो क्षण भंगुर ही है।
जाने कब वो बिखर जाए।

कोई दुख नहीं, आज नहीं तो
कल इस दुनिया को छोड़ कर जाना ही है।
आना – जाना दुनिया की रवानी है
हमें तो बस दी गई जिम्मेदारी निभानी है।

-*_मीरा ठाकुर_ *

Language: Hindi
4 Likes · 76 Views
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