Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

*~पहाड़ और नदी~*

मैं कहता था मुझे पहाड़ पसंद हैं
और तुम्हें?
तो वो हंसते हुए कहती थी नदी।
तब किसे मालूम था कि एक दिन
मैं पहाड़ सा जड़ हो जाऊंगा
उसे नदी सा अविरल रखने के लिए।

मैं पहाड़ हुआ वो नदी हुई।
मैं खड़ा रहा वो चलती रही।
मैं बढ़ा नहीं वो रुकती नहीं।
मैं सहता रहा वो चोट करती रही।
मैं बंटा नहीं वो मुड़ती रही।
मैं थका नहीं वो गरजती रही।
मैं निर्जन था वो सघन रही।
मैं धीर हुआ वो अधीर रही।

जीवन का सबसे कटु प्रहसन है
किसी गाए गए प्रेम के गीत में
एक पहाड़ और एक नदी का होना।

✍️ प्रियंक उपाध्याय

Language: Hindi
1 Like · 96 Views
Books from Priyank Upadhyay
View all

You may also like these posts

बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरी निगाह को मेरे दिल का रास्ता कह लो
मेरी निगाह को मेरे दिल का रास्ता कह लो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
पूर्ण सत्य
पूर्ण सत्य
Rajesh Kumar Kaurav
2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
योग दिवस
योग दिवस
Rambali Mishra
#वासंती बयार#
#वासंती बयार#
Madhavi Srivastava
घरौंदा
घरौंदा
Dr. Kishan tandon kranti
निर्मेष के दोहे
निर्मेष के दोहे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
धक धक धड़की धड़कनें,
धक धक धड़की धड़कनें,
sushil sarna
17. I am never alone
17. I am never alone
Santosh Khanna (world record holder)
जाड़ा
जाड़ा
नूरफातिमा खातून नूरी
बरसात
बरसात
Dr.Pratibha Prakash
खुद को खुदा न समझा,
खुद को खुदा न समझा,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
- प्रेम की गहनता -
- प्रेम की गहनता -
bharat gehlot
इश्क की कीमत
इश्क की कीमत
Mangilal 713
सरस्वती बुआ जी की याद में
सरस्वती बुआ जी की याद में
Ravi Prakash
होता क्या है
होता क्या है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
रिश्ते ज़ज़बत से नहीं,हैसियत से चलते हैं।
रिश्ते ज़ज़बत से नहीं,हैसियत से चलते हैं।
पूर्वार्थ
नफ़रत
नफ़रत
Sudhir srivastava
മണം.
മണം.
Heera S
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नारी पुरुष
नारी पुरुष
Neeraj Agarwal
मृत्यु ही एक सच
मृत्यु ही एक सच
goutam shaw
*एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क
*एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क
मनोज कर्ण
नूतन वर्ष अभिनंदन
नूतन वर्ष अभिनंदन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रातों की तन्हाई में
रातों की तन्हाई में
इशरत हिदायत ख़ान
मँझधार
मँझधार
Varun Singh Gautam
Loading...