Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2024 · 1 min read

*साहस और स्वर भी कौन दे*

साहस और स्वर भी कौन दे

हमें साहस पूर्ण अभिव्यक्ति
के लिए
साहस भी कौन दे,
हमारे संघर्षशील जीवन,
साहसिक कविता को
स्वर भी कौन दे।
लिंग एवम रंग के आधार पर,
भेदभाव हमसे करते है।
न्याय पूर्ण और बराबरी का,
व्यवहार कहां रखते हैं।
स्त्री अस्मिता के बहाने,
भावनाओं से हमारे खेलते हैं।
हमसे ही बनते हैं कवियों की
कविताएं और गीत।
अवसर की सामानता,
मान और सम्मान की रीत।
हमारी आकांक्षाओं और अपेक्षाओं
के अनुरूप, कहां मिल पाता है,
इस जहां में नारी को स्वरूप ।
पितृ सत्तात्मक समाज में होता,
दिन रात हमारा शोषण।
हमारे करुणा रुपी जीवन में,
समय के साथ नहीं मिलता पोषण।
हमारी चिंतन दोनों ही कर लेते हैं
स्त्री वादी के साथ मर्दवादी
1949 में सिमोन द बोउआ की
पुस्तक “द सेकंड सेक्स” की
गहराई हुई प्रभावी।
1968 में मैरी एलमन की पुस्तक
“थिंकिंग अबाउट वीमिन” आई।
स्त्रियों का भी प्रिय विषय बन रहा
स्त्री वादी विचारधारा।
सामाजिक समस्याओं, उत्पीड़न एवं
दमन को उजागर करने वालों
को मिले खिताब।
सदियों से स्त्री विमर्श का विषय
व मातृ सत्तात्मक विमर्श,
कविता, साहित्य, गीत, गजल और
रचनाओं में करता विमर्श।
साहित्य पर साहित्य बनते जाते रहे हैं
सदियों से।
अपनी दमित भावनाओं और
अनुभूतियों को कहें किनसे।
हमें साहसपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए,
साहस भी कौन दे।
हमारे संघर्षशील जीवन,
साहसिक कविता को स्वर भी कौन दे।

रचनाकार
कृष्णा मानसी
मंजु लता मेरसा
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

Language: Hindi
1 Like · 58 Views

You may also like these posts

गणपति बप्पा
गणपति बप्पा
विजय कुमार नामदेव
मजदूर
मजदूर
Dinesh Kumar Gangwar
करगिल दिवस
करगिल दिवस
Neeraj Agarwal
चाहतें हैं
चाहतें हैं
surenderpal vaidya
उज्ज्वल भविष्य हो पूरी दिल की हर चाहत हो आप सभी लोगों को सहृ
उज्ज्वल भविष्य हो पूरी दिल की हर चाहत हो आप सभी लोगों को सहृ
Rj Anand Prajapati
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
Sonam Puneet Dubey
अरे यार तू जा जहाँ जाना चाहती है जा,
अरे यार तू जा जहाँ जाना चाहती है जा,
Dr. Man Mohan Krishna
"ज़िंदगी जीना ही होता है"
Ajit Kumar "Karn"
राजनीति गर्त की ओर
राजनीति गर्त की ओर
Khajan Singh Nain
मुझे  पता  है  तू  जलता  है।
मुझे पता है तू जलता है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
Mahender Singh
- तुम बिन यह जिंदगी बेरंग हो गई है -
- तुम बिन यह जिंदगी बेरंग हो गई है -
bharat gehlot
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
gurudeenverma198
मेघों का मेला लगा,
मेघों का मेला लगा,
sushil sarna
रिश्ता चाहे जो भी हो,
रिश्ता चाहे जो भी हो,
शेखर सिंह
कई एहसास बिन बताए ही
कई एहसास बिन बताए ही
शिवम राव मणि
296क़.*पूर्णिका*
296क़.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
शब-ए-सुखन भी ज़रूरी है,
शब-ए-सुखन भी ज़रूरी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्वयं का स्वयं पर
स्वयं का स्वयं पर
©️ दामिनी नारायण सिंह
"दोस्ती क्या है?"
Pushpraj Anant
नयी - नयी लत लगी है तेरी
नयी - नयी लत लगी है तेरी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
एक नयी शुरुआत !!
एक नयी शुरुआत !!
Rachana
*दृष्टिकोण*
*दृष्टिकोण*
Pallavi Mishra
साथी
साथी
Sudhir srivastava
ये विद्यालय हमारा है
ये विद्यालय हमारा है
आर.एस. 'प्रीतम'
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
Dr fauzia Naseem shad
जय जय हे महिषासुर मर्दिनी
जय जय हे महिषासुर मर्दिनी
उमा झा
*दहेज: छह दोहे*
*दहेज: छह दोहे*
Ravi Prakash
Loading...