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7 May 2024 · 1 min read

नदी की मुस्कान

सरिता,कल्लोलिनी,लरमाला
तरंगिणी,सरि,तरिणी।
पयस्विनी,लहरी,नद,तटिया,
तरंगवती,निर्झरिणी।

नदी,निम्नगा,नदिया,अपगा,
कूलंकषा,प्रवाहिनि।
शैवालिनी,शैलजा,सारंग,
जलमाला जलवाहिनि।

स्रोतस्विनी पर्याय नाम है,
कल कल राग तुम्हारा।
अचल शीश से उदगम तेरा,
बहती निर्मल धारा।

धरा हिये की तुम धमनी हो,
धारा बनकर बहती।
निर्मल नीर बहे वसुधा पर,
जीवन बनकर रहती।

अविरल बहे अनवरत निशदिन,
धारा कल कल गाये।
वृहद तरंगे जब भी मचलें,
लगा, नदी मुस्काये।

Language: Hindi
1 Like · 113 Views
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