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7 May 2024 · 1 min read

आईना

आईना

इस तरह तू आया दिल के रास्ते आईना खो गया
फ़िज़ा महकी रात रौशन हुई दिन सुहाना हो गया…

ये भी मुमकिन है तू भूल जाये हमें एक दिन
अब तो तुझे देखे हुए एक जमाना हो गया…

निकाल के देखो उस दिल के आईने को
बेअदब कहता है मेरा अक्स पुराना हो गया…

घर के उजड़ने का अफ़सोस नहीं मुझको
सैकड़ों बेघर परिंदों के कोई ठिकाना हो गया…

भले तू ना देखे मेरी पलक के अश्क़ों को
इश्क़ अब कोई पुराना तराना हो गया…!!

·—·—·—·—🖤🖤—·—·—·

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