Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

कुंडलिया. . .

कुंडलिया. . .

जीवन जीने के सभी, बिगड़ गए अनुपात ।
उधर लुड़कते लोग अब, झुकती जिधर परात ।
झुकती जिधर परात , सभी हैं अवसरवादी ।
फेरे लेते सात , निभे ना फिर भी शादी ।
भरे हुए हैं आज , झूठ से सबके सीने ।
आडम्बर में लोग, लगे अब जीवन जीने ।

सुशील सरना / 5-5-24

105 Views

You may also like these posts

शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Raju Gajbhiye
पसंद प्यार
पसंद प्यार
Otteri Selvakumar
भय
भय
Sidhant Sharma
हम तो मर गए होते मगर,
हम तो मर गए होते मगर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Life is not a cubic polynomial having three distinct roots w
Life is not a cubic polynomial having three distinct roots w
Ankita Patel
सीता स्वयंवर (सखी वार्ता)
सीता स्वयंवर (सखी वार्ता)
guru saxena
प्यार का ऐसा सर संधान रे
प्यार का ऐसा सर संधान रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कहू किया आइ रूसल छी ,  कोनो कि बात भ गेल की ?
कहू किया आइ रूसल छी , कोनो कि बात भ गेल की ?
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jai Prakash Srivastav
आया, आया है, बाल दिवस आया है
आया, आया है, बाल दिवस आया है
gurudeenverma198
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
parvez khan
चलती है उलटीं रित इस जहां में,
चलती है उलटीं रित इस जहां में,
Radha Bablu mishra
बाल कविता: चूहे की शादी
बाल कविता: चूहे की शादी
Rajesh Kumar Arjun
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
कृष्णकांत गुर्जर
((((((  (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
(((((( (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कविता
कविता
Rambali Mishra
4860.*पूर्णिका*
4860.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तन्हा चलती जिदंगी,
तन्हा चलती जिदंगी,
sushil sarna
.
.
Amulyaa Ratan
मूंछ का घमंड
मूंछ का घमंड
Satish Srijan
किस्सा अधुरा रहेगा
किस्सा अधुरा रहेगा
पूर्वार्थ
तुम अपनी शादी में बुलाना  मै  आऊंगा जरूर....
तुम अपनी शादी में बुलाना मै आऊंगा जरूर....
Vishal Prajapati
" तुतारी "
Dr. Kishan tandon kranti
राम और कृष्ण
राम और कृष्ण
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
Chaahat
हे राम! तुम्हें शिरसा प्रणाम
हे राम! तुम्हें शिरसा प्रणाम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मां
मां
Sonam Puneet Dubey
*आइए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें (घनाक्षरी : सिंह विलोकित
*आइए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें (घनाक्षरी : सिंह विलोकित
Ravi Prakash
Loading...