Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
2 May 2024 · 1 min read

*होली*

होली

कान्हा के संग प्रीत लगाई,
राधा जी मन-मन मुस्काई,

आई होली आई।

बरसाने में गुलाबी फुहारों से,
गोपियों ने धूम मचाई,

आई होली आई।

लाल,हरे, गुलाबी,पीले,
और नीले रंगों ने,
सद्भावना की राह दिखाई।

आई होली आई।

गुझिया की मिठास,
पापड़,मठरी,चिप्स जैसे,
व्यंजनों से ,
जिव्हा से स्वाद बढ़ाने आई।

आई होली आई।

बच्चे, बड़े, बूढ़े और
परिवारजनों संग,
हुड़दंग मचाने आई।

आई होली आई।

भक्त प्रहलाद संग,
याद दिलाने इतिहास हमारा,
होलिका दहन कराने आई।

आई होली आई।

टोलियों ने बसंत-ऋतु के
आगमन पर,
गांव-शहर में फगुआ राग
संग ढोल बाजाई,

आई होली आई।

धूम्रपान से दूरी और
स्वच्छता संग,
प्राकृतिक रंगों में है भलाई,
यह सिखाने आई।

आई होली आई।
डॉ प्रिया ।
अयोध्या।

Loading...