Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 2 min read

सहयोगी भाव से बढ़ता रहा समाज

सहयोग भावना की अहमियत हमारे आपके जीवन, समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिसे मैं बिना धन की पूंजी मानता हूँ,जिसे खरीदा, बेचा या एकत्र नहीं किया जा सकता।
सहयोग भावना मानवीय संवेदना और मूल्यों पर आधारित है। और इस बात से शायद ही कोई असहमत हो कि सहयोग भावना निरर्थक है। यदि हम आजादी की लड़ाई का संज्ञान लें तो हम देखते हैं कि इस आजादी में सहयोगी भावना की प्रभावी भूमिका रही है। वर्तमान में आज का उदाहरण समीचीन है कि जब सोमालिया के समुद्री लुटेरे ने पाकिस्तानी नागरिकों का समुद्र के भीतर समुद्री जहाज से अपहरण की कोशिश की तब भारतीय नौसेना के जांबाजों ने सहयोग और मानवीय संवेदनाओं को सर्वोपरि माना और इक्कीस पाकिस्तानी नागरिकों को बचाया।
हमारे आसपास भी बड़े बड़े असंभव कार्य भी सहयोग की भावना के कारण बड़ी आसानी से हो जाते हैं। जाने कितनी गरीब बेटियों की शादियां सकुशल और सम्मान से संपन्न हो जाती हैं। गरीब परिवार के सदस्य का असंभव सा लगने वाला इलाज थोड़े थोड़े सहयोग से हो जाता है। सहयोग भावना के कारण ही जाने कितने लोगों की विपरीत परिस्थितियों में मौत के मुंह से बचा लिया जाता है।
आज भी गांवों में किसी परिवार के घर का आयोजन गांव में रहनेवालों के सहयोग से संपन्न होता है। जिससे परस्पर प्रेम और विश्वास का वातावरण सुदृढ़ होता है।
आज समय के साथ हर स्तर पर चाहे सामाजिक हो पारिवारिक, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, शिक्षा कला साहित्य संस्कृति, तकनीक, और सहयोगी भावनाओं में बड़ा बदलाव आया है जो कि निरंतर जारी है। बाबजूद इसके सहयोगी भावना आज भी विभिन्न स्तरों/क्षेत्रों और समयानुसार इसका उदाहरण हम सभी को मिलता ही रहता है।
ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि सहयोग की भावना से ही हमारा मानव समाज जितना आगे बढ़ता है, उतना किसी और रुप में नहीं। वैसे भी सामाजिक व्ववहारिक, मानवीय उद्देश्य की विकास यात्रा में सहयोगी भावना का भरपूर समावेश देखने को मिल ही जाता है।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
Tag: लेख
106 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

चाहे पास हो या दूर रहे
चाहे पास हो या दूर रहे
Chitra Bisht
शक करके व्यक्ति अपने वर्तमान की खुशियों को को देता है रिश्तो
शक करके व्यक्ति अपने वर्तमान की खुशियों को को देता है रिश्तो
Rj Anand Prajapati
चंद्रमा तक की यात्रा
चंद्रमा तक की यात्रा
Savitri Dhayal
"हिंदी"
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
मन का चोर अक्सर मन ही बतला देता,
मन का चोर अक्सर मन ही बतला देता,
Ajit Kumar "Karn"
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
Heera S
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
देखिए मायका चाहे अमीर हो या गरीब
शेखर सिंह
3355.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3355.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
Sushil Sarna
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सर्वप्रिय श्री अख्तर अली खाँ
सर्वप्रिय श्री अख्तर अली खाँ
Ravi Prakash
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चाहत
चाहत
Phool gufran
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
shabina. Naaz
इंसानों की इस भीड़ में ही एक इंसान हूँ।
इंसानों की इस भीड़ में ही एक इंसान हूँ।
Ahtesham Ahmad
राम का न्याय
राम का न्याय
Shashi Mahajan
बात आज भी  होती हैं उनसे
बात आज भी होती हैं उनसे
ruchi sharma
शीर्षक -
शीर्षक -"मैं क्या लिखूंँ "
Sushma Singh
मेरे गुरु जी
मेरे गुरु जी
Rambali Mishra
वो मुझे
वो मुझे "चिराग़" की ख़ैरात" दे रहा है
Dr Tabassum Jahan
" कमाई की परिभाषा "
Dr. Kishan tandon kranti
घर परिवार पड़ाव - बहाव में ठहराव
घर परिवार पड़ाव - बहाव में ठहराव
Nitin Kulkarni
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
Arvind trivedi
दिल का दर्द आंखों से निकलने लगता है
दिल का दर्द आंखों से निकलने लगता है
दीपक बवेजा सरल
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
कवि रमेशराज
हर दिल में एक टीस उठा करती है।
हर दिल में एक टीस उठा करती है।
TAMANNA BILASPURI
💐अभिनंदन💐
💐अभिनंदन💐
*प्रणय प्रभात*
धोने से पाप नहीं धुलते।
धोने से पाप नहीं धुलते।
Kumar Kalhans
स्त्री बाकी है
स्त्री बाकी है
Arun Prasad
Loading...