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12 Apr 2024 · 1 min read

“लबालब समन्दर”

“लबालब समन्दर”
आबादी का लबालब समन्दर
मगर अकेलापन है अन्दर
अगर कहीं गुलजार हो रहा
तो वह है सोशल मीडिया,
यानी दृष्टि भ्रम की दुनिया।

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